वाराणसी, अक्टूबर 7 -- कार्तिक मास की चतुर्थी पर रखे जाने वाले करवाचौथ व्रत के दौरान इस वर्ष सिद्धि और व्याप्ति योग बनेंगे। मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव के लिए, द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ व्रत किया था। व्रत के प्रभाव से सुहागिनें अखंड सौभाग्य प्राप्त करती हैं। कठिन परिस्थितियों में भी करवा माता उनके सुहाग की रक्षा करती हैं। इस व्रत से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। भृगु संहिता विशेषज्ञ पं. वेदमूर्ति शास्त्री ने बताया कि यह व्रत सुहागिनें पति की दीर्घायु एवं सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से रखती हैं। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से रात्रि में चंद्रोदय तक रखा जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद जल ग्रहण करती हैं।व्रत पर्व का विधान करवा चौथ व्रत में सुहागिनें सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करती हैं। उसके बाद पूरे दिन निराजल व्रत रखती...