गोंडा, अक्टूबर 8 -- गोंडा। शारदीय नवरात्रि के संपन्न होने के बाद से त्योहारों की धूम मचनी शुरू हो जाती है। इसमें सुहागिनों के लिए सबसे खास करवा चौथ का व्रत दशहरे के बाद पड़ता है। सुहागिनों इन दिनों दुकानों पर श्रंगार सामग्री के साथ नई-नई डिजायन की साड़िया और गहने पसंद करने में जुटी है। इसी के साथ कुम्हारों के हाथ चाक पर बड़ी तेजी से घूम रहे हैं। इन परिवारों को भी त्योहार पर चार पैसे मिलने की आस है। शहर के बहराइच रोड पर स्थित जानकीनगर के प्रजापति पुरम मोहल्ले में कुम्हार इलेक्ट्रिक चाक के साथ ही हाथ से करवा को आकर्षक डिजाइन से तैयार किया जा रहा है। करवा बना रही राधा ने कहा कि करवा महिलाओं के लिए सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। हम लोग चार महीने पहले से ही करवा बनाना शुरू कर देते हैं। उन्होंने बताया कि एक कुम्हार एक दिन में दस से पंद्रह करवा...