बांका, जून 25 -- शंभूगंज (बांका) एक संवाददाता बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड अंतर्गत मालडीह पंचायत के बरौथा, करंजा और करहरिया गांवों में पीएचईडी विभाग की ओर से करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित जलमीनार केवल शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। पेयजल संकट इन गांवों के लिए गंभीर समस्या का रूप ले चुका है। सरकार की बहुचर्चित सात निश्चय योजना के तहत स्थापित नल-जल योजना इन इलाकों में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। भीषण गर्मी के इस मौसम में जब जल की जरूरत सर्वाधिक होती है, तभी इन तीन गांवों के हजारों ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन गंभीरता से पहल करे तो इस संकट का समाधान संभव है। पाइपलाइन की मरम्मती कराकर जल आपूर्ति बहाल की जा सकती है। इसके...
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