पीलीभीत, जून 5 -- पीलीभीत। हरी भरी धरा के लिए मिनी पंजाब का नाम यूं ही नहीं लिया जाता था। पर इस बार फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की जारी रिपोर्ट में जो जिक्र किया गया। उसने जिला प्रशासन तक को परेशान किया है। दरअसल लगातार हो रहे निर्माण कार्यों व विकास की गति के सामने पेड़ों का दर्दनाक अंत हो रहा है। यही वजह है जिले में 2162 हेक्टेयर में ग्रीन कवर कम हुआ है। ऐसा नहीं है कि यह काम एकाएक हो गया। बल्कि यह ग्रीन कवर कम होना आहिस्ता आहिस्ता शुरू हुआ है। दरअसल जितनी तेजी से विकास कार्यों के लिए पेड़ों का कटना हो रहा है। उतनी तेजी से पौधे विकसित नहीं होते हैं। यही वजह है कि ग्रीन कवर कम होता जा रहा है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी एफएसआई रिपेार्ट में पिछले दिनों प्रदेश के 28 जिलों का जिक्र किया गया था। इसमें पीलीभीत भी शामिल था। इस बात का ज...