जौनपुर, दिसम्बर 21 -- जौनपुर, संवाददाता। घटते तापमान को देखते किसान गेहूं की फसल में जिंक सल्फेट का भुरकाव यूरिया में मिला कर करें। अन्यथा अधिक ठण्ड के चलते पौधों में मौजूद प्लान्ट प्लाज्मा (तने में स्थित पीला पदार्थ) सूख जाएगा। इससे फसल की बढ़वार रुक जाएगी। समय से फूल व फलियां नहीं लगेंगी। परिणामत: उपज प्रभावित होगी। गेहूं की अच्छी बढ़वार के लिए न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। जबकि इस समय 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे है। तापमान कभी आठ तो कभी नौ डिग्री हो जा रहा है। ऐसे में गेहूं के पौधों में पाया जाने वाला स्टेम प्लाज्मा के जमने की संभावना है। उसका आयतन भीतर बढ़ने से तने की बाहरी दीवार प्रभावित हो सकती है। तने का भीतरी आयतन अधिक बढ़ जाने से तना फट सकता है और मेम्ब्रेन बाहर निकल सकती है। परिणामत: पौधा सूखने लगेगा। इससे बच...