बागपत, अक्टूबर 23 -- बीपी की बढ़ती समस्या से हर कोई चिंतित हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि कम उम्र के 50 फीसदी लोग बेवजह ब्लड प्रेशर की दवाएं खा रहे हैं। यानि उन्हें बीपी की शिकायत नहीं है। स्पूरियस हायपरटेंशन (झूठे बीपी) के कारण उनकी दवाएं शुरू हो गई हैं। दरअसल, युवाओं की गुसैल होती जा रही प्रवृति को लेकर अभिभावकों के अलावा चिकित्सक भी चिंतित है। 25 से 35 साल तक के युवा भी बीपी की दवाइयां खाने लगे हैं। डॉक्टरों ने उन्हें हाइपरटेंशन का मरीज घोषित कर दिया है। एक, दो या तीन बार बीपी अधिक निकलने के बाद मरीज मान लिया जाता है। लेकिन यह पूरी तरह गलत है। घर या क्लीनिक में कई बार नतीजे वास्तविक से अधिक आ जाते हैं। हाई बीपी मानकर दवाइयां शुरू करा देते हैं। जबकि मरीज वास्तविक रूप से हाई बीपी का शिकार नहीं होता है। कार्डियोलाजिस्ट डॉ. शोभित ने बताय...