लखनऊ, अक्टूबर 11 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा है कि सपा सरकार के दौरान जेपीएनआईसी भ्रष्टाचार के प्रतीक बना। परियोजना की शुरुआत Rs.200 करोड़ की लागत से हुई थी, लेकिन 2017 तक इसकी लागत बढ़कर Rs.867 करोड़ रुपये हो गई और फिर भी परियोजना अधूरी रही। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह केंद्र 'कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने आते ही जेपीएनआईसी समिति को भंग कर यह परियोजना एलडीए के सुपुर्द की, ताकि इसे पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा सके। सरकार ने Rs.882.74 करोड़ रुपये की धनराशि ऋण के रूप में स्थानांतरित कर दी है, जिसे 30 वर्षों में लौटाया जाएगा। अब इस परियोजना के अंतर्गत आधुनिक ऑडिटोरियम, कन्वेंशन सेंटर, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपज क...