नई दिल्ली, जुलाई 25 -- दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि कमाने की क्षमता और वास्तविक कमाई, दोनों अलग-अलग चीजें हैं। कोर्ट एक एमबीए डिग्रीधारी पत्नी को गुजारा भत्ता देने के फैसले खिलाफ पति की अपील पर सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि केवल कमाने की क्षमता के आधार पर पत्नी को अपने और बच्चे के लिए भरण-पोषण से वंचित नहीं किया जा सकता। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक एमबीए डिग्रीधारी पत्नी को गुजारा भत्ता देने के फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि कमाने की क्षमता और वास्तविक कमाई दो अलग-अलग चीजें हैं। जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस रेणु भटनागर की खंडपीठ ने कहा कि जब दंपति अलग हुए थे तब उनका बच्चा बहुत छोटा था। बच्चे की देखभाल के लिए पत्नी ने शायद अपनी नौकरी छोड़ दी होगी। जज ने कहा कि पत्नी पारिवारिक परिस्थितिय...