पटना, अक्टूबर 29 -- बिहार की राजनीति का आकाश हमेशा बदलता रहता है, लेकिन धरती पर एक नाम अटल खड़ा दिखता है: नीतीश कुमार। 2005 में जब उन्होंने 'जंगल राज' की जंजीरों को तोड़ने का वादा किया था, तब बिहार अशिक्षा, बेरोजगारी और अपराध की गिरफ्त में जकड़ा हुआ था। आज, 20 साल बाद, वही नीतीश कुमार एनडीए के चेहरे के रूप में 2025 विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। विपक्षी महागठबंधन तेजस्वी यादव को युवा चेहरा बताकर चुनौती दे रहा है, लेकिन एनडीए के नेता एक स्वर में कहते हैं- "नीतीश कुमार ही बिहार के भविष्य हैं।" क्या वाकई ऐसा है? आइए, इसकी पड़ताल करते हैं।सुशासन बाबू की छवि पर दाग दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की कमजोर कड़ी के रूप में देखा जा रहा था। उनकी उम्र और सेहत को लेकर सवाल उठ...