वाराणसी, जून 15 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। संत निरंजनदास ने कहा कि स्वयं के अंदर से सेवा भाव कभी समाप्त न होने दें। मानवता की सेवा से सच्चा सुख मिल सकता है। गुरु रविदास ने सेवा के लिए समर्पित रहने वाले को सच्चा मनुष्य बताया था। वह रविवार को सीरगोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर संगत को संबोधित कर रहे थे। देश-दुनिया से जुटी संगत को अपने आशीर्वचन में संत निरंजनदास ने कहा कि दुख की बात है कि यह संसार सुख और स्वार्थ के चक्कर में सेवा के भाव से विरत होता जा रहा है। स्वार्थ के कारण विश्व महायुद्ध के मुहाने है। सच्चा रविदासिया वही है जो अपने सद्आचरण से अन्य लोगों को भी सेवा के भाव से भर दे। हमें यदि लगातार सेवा का अवसर मिल रहा है तो इसका मतलब है कि परमपिता की कृपा हमें प्राप्त हो रही है। हम सही रास्ते पर अग्रसर हैं। यदि...