अलीगढ़, अक्टूबर 1 -- अलीगढ़, कार्यालय संवाददाता। थाना बन्ना देवी के नगला बरौला की रामलीला 41 वर्ष से लोगों की आस्था का हिस्सा बनी हुई है। समय के साथ रामलीला में आधुनिक बदलाव हुए। विशेष बात ये है कि लीला के मंचन के बाहर से कलाकार नहीं आते। क्षेत्रीय लोग ही लीला में मंचन की परंपरा को निभा रहे हैं परिसर प्रबंधकर्ता ट्रस्ट कमेटी संस्था श्री ग्यासीराम सेवा संस्थान एवं जन कल्याण समिति की और से श्री ग्यासीराम रामलीला कमेटी के द्वारा वर्ष 1985 रामलीला महोत्सव की नींव सभी स्थानीय क्षेत्र वासियों के सहयोग से रखी गई थी। पहले रामलीला लकड़ी के तख्तों, बांस-बल्लियों का मंच बनाकर होती थी। दर्शक भी अपने-अपने घरों से टाट की पल्लियां, जूट की बोरियां, चादर, दरी, पुराने कंबल बिछाने और ओढ़ने के लिए लाते थे। धीरे-धीरे समय के साथ बदलाव हो गया। कच्चे मिट्टी के च...