नई दिल्ली, दिसम्बर 8 -- शिवरात्रि तिथि का शिवमहापुराण में बहुत अधिक महत्व बताया गया है। जिस दिन आधी रात के समय तक वह तिथि विद्यमान हो, उसी दिन उसे व्रत के लिये ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि इसमें रात्रि में भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान बताया गया है। शिवमहापुराण में कहा गया है कि शिवरात्रि करोड़ों हत्याओं के पापका नाश करने वाली है। इस दिन सुबह स्नान करके भगवान शिव की पूजा के प्रसन्न रहें। आपको इस दिन आलस नहीं करना है। अपने घर के पास शिवालय में जाकर शिवलिंग का विधिवत् पूजन करके पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव के दक्षिण या पश्चिम भाग में सुन्दर स्थान पर उनके निकट ही पूजा के लिए सभी चीजों को रख दें।। इसके बाद मंत्रों के साथ ही शिवजी की पूजा करनी चाहिए। रात में भगवान शिव के लिए कीर्तन और गीत आदि के साथ भक्तिभाव पूजा करें। कब है साल 202...
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