नई दिल्ली, मार्च 18 -- हर साल चैत्र मास की सप्तमी तिथि और अष्टमी तिथि को शीतला सप्तामी व्रत और शीतलाष्टमी व्रत किया जाता है। अलग-अलग जगह अलग दिन इस व्रत को करने की परंपरा रही है। दरअसल होली जिस दिन जलती है, अगले सप्ताह ठीक उसी दिन यह व्रत किया जाता है। कई जगह होलिका दहन के बाद पड़ने वाले सोमवार को शीतला माता की पूजा हो जाती है और कई जगह शीतला सप्तमी और अष्टमी को शीतला माता की पूजा की जाती है। इस साल की बात करें तो इस साल शीतला सप्तमी व्रत 21 और 22 मार्च को मनाया जाएगा। कई जगह यह बुधवार और शुक्रवार को मनाया जाएगा। इसी तरह शीतला माता की पूजा करने के साथ ही दिनभर व्रत कियाजाता है। ऐसा कहा जाता है कि ठंडा भोजन कियाजाता है। आज के दिन से खानी बासी होने लगता है, इसलिए बसौड़ा, बसोइरा कहा जाता है। क्या बनता है भोग और कैसे होती है पूजाचैत्र माह के ...