नई दिल्ली, नवम्बर 10 -- हिंदू पंचांग में सालभर आने वाली सभी अमावस्याओं में से मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष महत्व होता है। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा और पितरों के तर्पण के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और विष्णु भगवान की आराधना करने का विधान है। कहा जाता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या पर भगवान विष्णु की कृपा से घर-परिवार में सौभाग्य और वैभव का आगमन होता है। मार्गशीर्ष अमावस्या कब है?- इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि को लेकर थोड़ा भ्रम बना हुआ है- कहीं इसे 19 नवंबर तो कहीं 20 नवंबर 2025 बताया जा रहा है। द्रिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि की शुरुआत 19 नवंबर, सुबह 9 बजकर...