नई दिल्ली, अगस्त 29 -- भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तनी, डोल ग्यारस और जलझूलनी एकादशी कहते हैं। यह इस साल 03 सितंबर को सुबह 04 बजकर 53 मिनट पर प्रारंभ होगी और अगले दिन 04 सितंबर को सुबह 04 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 3 सितंबर को व्रत किया जाएगा और परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण 4 सितंबर को किया जाएगा।इस व्रत के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर को बताया है। इस एकादशी पर व्रत और पूजा करने से ब्रह्मा, विष्णु सहित तीनों लोकों की पूजा का फल मिलता है। क्या है महत्व, क्यों कहते हैं जलझूलनी, डोल ग्यारस और परिवर्तनी एकादशीइस दिन यशोदा मैय्या ने भगवान कृष्ण का जलवा पूजन या कुंआ पूजन भी किया था, इसलिए इसे डोल ग्यारस भी कहा जाता है। डोल ग्यारस में भगवान को पालकी बिठाकर उनको नगर भ्रमण कराते हैं। इसके अलावा यह भी कहा ज...