देहरादून, मई 1 -- दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में गुरुवार को एक कामगार जुलाहे का ताना -बाना संगीत विषय पर निकोलस हॉफलैंड ने वीडियो-व्याख्यान दिया। निकोलस द्वारा प्रस्तुत यह वीडियो-लेक्चर 20वीं और 21वीं सदी के संगीत साधकों के बीच कबीर के संगीत और कहानियों पर केंद्रित था। जो रॉक बैंड से लेकर सभी उम्र और प्रेरणाओं के शास्त्रीय गायकों, लोक गायकों, अंतरराष्ट्रीय और भारतीय जैज संगीतकारों तक कबीर के बारे में अपना दृष्टिकोण बनाने में सक्षम बनाता है। उन्होंने बताया कि कबीर एक साधारण बुनकर के रूप में खुद का काम करते हुए गाते और उसे संगीतबद्ध करते थे। कबीर का जीवनकाल 14 वीं और 15वीं शताब्दी तक ही रहा, लेकिन उनके जीवनकाल से जुड़ी कथाएं अलौकिकता के दायरे में चली गईं। इस मौके पर सेवानिवृत आईएएस अधिकारी विभा पुरी दास, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प...
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