हरिद्वार, सितम्बर 30 -- गुरुकुल कांगड़ी विवि के कन्या गुरुकुल परिसर के मनोविज्ञान विभाग में मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति छात्राओं को जागरूक किया गया। दर्शन विभाग की डॉ. बबीता शर्मा ने बताया कि लड़कियों में मासिक धर्म एक जैविक प्रक्रिया है, जो पूर्व के वर्षों में 13 से 14 वर्ष के दौरान शुरू होती थी। वर्तमान में विभिन्न प्रकार के परिवर्तनों के कारण इसकी शुरू होने की उम्र से 11 वर्ष हो गई है। कहा कि मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द होने पर सिकाई, बड़ी इलायची या तुलसी की चाय दर्द में राहत का काम करती है। मासिक धर्म को सही तरीके से निस्तारित करना भी छात्राओं की जिम्मेदारी है। शोध छात्रा भव्या अरोड़ा ने बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता न रखने पर यह समस्या बढ़ती है। इसके प्रबंधन में स्वस्थ आहार, व्यायाम और जीवन शैली में बदलाव किया जा सकता ह...