अयोध्या, अगस्त 15 -- अयोध्या, संवाददाता। नित नवीन उत्सवों का आयोजन वैष्णव नगरी के मंदिरों का वैशिष्ट्य है। सावन झूला महोत्सव के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव की तैयारियां शुरू हो गयी है। वैष्णव परम्परा में भगवान राम व श्रीकृष्ण की जयंती पूर्ण श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाई जाती है लेकिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर वैष्णवानाम एवं स्मार्तानाम का भेद आ जाता है। इस बार भी यही भेद दिखाई दे रहा है, जिसके कारण जन्माष्टमी का पर्व 16 व 17 अगस्त को दोनों ही दिन मनाया जाएगा। कनक भवन, जानकी महल एवं महाराष्ट्रीयन परम्परा के कालेराम मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा जबकि रामजन्म भूमि व हनुमानगढ़ी समेत शेष मंदिरों में 17 अगस्त को गोकुलाष्टमी मनाई जाएगी। वैदिक आचार्य हरफूल शास्त्री ने बताया कि अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात्रि ...