उरई, नवम्बर 5 -- कदौरा। कदौरा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर शाम 09 बजे के बाद हालत बुरे हो जाते हैं। अगर कोई गंभीर हालत में मरीज इलाज के लिए सीएचसी आता है तो डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट को बुलाने में ही काफ़ी समय बर्बाद हो जाता है। इसकी पड़ताल आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की टीम ने मंगलवार रात करीब 10 बजे की तो सीएचसी में न तो कोई डाक्टर मौजूद मिले और न ही कोई अन्य कर्मचारी मौजूद थे। गरीबों को सस्ता इलाज देने के लिए गांव एवं कस्बे मे सामुदायिक स्वास्थ केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ केंद्र खोला है लेकिन यहाँ पर नियुक्त डाक्टर रात में अपने आवास मे आराम फरमाते रहते है। जब हिंदुस्तान अखबार की टीम सीएचसी पहुँची तो अस्पताल परिसर में पूरी तरह सन्नाटा पसरा पड़ा था न तो कोई डाक्टर मौजूद था और न ही कोई अन्य कर्मचारी था। ऐसे में अगर कोई गंभीर मरीज आता है कर्मचारी...