रामपुर, सितम्बर 19 -- अधिवक्ता सद्दाम उस्मानी को बार कौंसिल अनुशासन समिति ने कदाचार का दोषी मानते हुए उनका अधिवक्ता पंजीकरण पांच वर्षाे के लिए निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि में वह भारत के किसी भी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकेंगे। ग्राम कमौरा निवासी शाहिद ने बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें आरोप लगाया था कि अधिवक्ता सद्दाम उस्मानी के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं और अधिवक्ता की गरिमा को ठेस पहुंचाते हुए गलत कार्यो में लिप्त हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद बार कौंसिल की अनुशासन समिति ने पंजीकरण पांच वर्षो के लिए निलंबित करते हुए वकालत पर रोक लगा दी है। उधर, अधिवक्ता सद्दाम उस्मानी का कहना है कि लाइसेंस कैंसल के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है, नहीं कोई मुझे पत्र मिला है। पूर्व में गांव की चुनावी...