नई दिल्ली, मई 28 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को असम राज्य मानवाधिकार आयोग को राज्य में कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों की जांच करने का निर्देश दिया। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि पीड़ित पर सरकारी अधिकारियों द्वारा अत्यधिक या गैरकानूनी बल का प्रयोग वैध नहीं ठहराया जा सकता। यह असम राज्य में मुठभेड़ों का मामला है। हालांकि पीठ ने कहा कि मामलों के एकत्रित होने से न्यायिक निर्देश नहीं मिल सकते, लेकिन उसने माना कि फर्जी मुठभेड़ों का आरोप गंभीर है। पीठ ने कहा कि यह आरोप कि इनमें से कुछ घटनाओं में फर्जी मुठभेड़ शामिल हो सकती है, वास्तव में गंभीर है और अगर साबित हो जाता है, तो यह संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जीवन के अधिकार का गंभीर उल्लंघन होगा। पीठ ने कहा कि यह भी समान रूप से संभव है कि निष्पक्ष, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के बाद...