मैनपुरी, जुलाई 19 -- नगर के मोहल्ला गाड़ीवान स्थित प्राचीन श्री भीमसेन जी महाराज मंदिर में श्रावण मास महोत्सव के तहत शनिवार को श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हो गया। पहले दिन आचार्य डॉ़ पंकज मिश्र मयंक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से भगवान श्रीकृष्ण ह्रदय में विराजमान होते हैं। उन्होंने कहा कि भक्ति मार्ग के लिए दो इंद्रियां महत्वपूर्ण हैं, एक आंख और दूसरा कान, परमात्मा इन दोनों इंद्रियों में प्रवेश करते हैं। इन्हीं दो इंद्रियों के माध्यम से पाप भी मन में प्रवेश करता है। इसलिए भगवान की कथा सुनना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें अपने कानों से किसी की निंदा नहीं सुननी चाहिए। आचार्य ने कहा कि जो लोग कथा में नहीं आते, उनको उनका पाप आने नहीं देता। कथा सुनने वाले व्यक्ति के ह्रदय से पाप को दूर भागना पड़ता है।

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