गाज़ियाबाद, दिसम्बर 13 -- ट्रांस हिंडन। वैशाली सेक्टर‑2 स्थित श्रीराम वाटिका में हरिद्वार धाम से पधारे संत पथिक साधना धाम के अध्यक्ष स्वामी अक्षयानंद महाराज ने सातवें दिन की कथा में संतोष, सेवा और भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मनुष्य को सुदामा की तरह परम संतोषी होना चाहिए। शास्त्रों में वही दरिद्र है जो असंतुष्ट है। स्वामी ने कर्मयोग को समझाते हुए निष्काम, निरभिमान और निर्मम भाव से की गई सेवा को आत्मशुद्धि का साधन बताया। उन्होंने ज्ञानयोग व भक्तियोग पर भी चर्चा की और कहा कि परमात्मा को सर्वस्व मानने से ही भक्ति सिद्ध होती है। कथा के अंत में परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाई गई। इस अवसर पर दिवाकर मिश्रा, सुभाष सिंह, अशोक वर्मा, मंजू शर्मा, नीलम खंतवाल, तृप्ति सिंह, हेमंत बाजपेई, रविंद्र मिश्रा, जीडी शर्मा, श्याम वीर भदौरिया सहित...