मेरठ, नवम्बर 19 -- मेरठ। सुशांत सिटी में श्री वेदव्यास समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा में मंगलवार को चौथे दिन कथा वाचक योगेंद्र माधव भारद्वाज ने भक्तों को श्रीराम-सीता विवाह का पावन प्रसंग सुनाया। जैसे ही कथा में जनकपुर का दृश्य, शिवधनुष भंग और परिणय संस्कार का वर्णन आया, पूरा पांडाल जय सियाराम के जयकारों से गूंज उठा। भक्त मंत्रमुग्ध होकर कथा रस में डूबते चले गए। कथावाचक ने बताया कि मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का माता जानकी के साथ विवाह सम्पन्न हुआ था। यही कारण है कि इस तिथि को भक्तजन बड़े उत्साह और भक्ति भाव से श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाते हैं। उन्होंने सीता स्वयंवर का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान राम ने शिवधनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर यह सिद्ध कर दिया कि वे केवल पराक्रम के धनी ही नहीं, बल्कि धर्म, मर्याद...