संभल, मार्च 20 -- करेली की मिलक मढैया गांव में बुधवार को श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। जिसमें कथा वाचक ने धुंधकारी का प्रसंग सुनाकर सभी का मनमोह लिया। कथा में कलाकारों ने ग्रामीणों के साथ फूलों की होली खेली। करेली की मढ़िया गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा का वर्णन करते हुए वाचक माधव चेतन मुखारविंद ने बताया कि तुंगभद्रा नदी के तट पर आत्मदेव नामक एक व्यक्ति रहता था। जिसकी पत्नी धुंधुली झगड़ालू किस्म की थी। संतान न होने के कारण आत्मदेव काफी परेशान रहता था। एक दिन वह आत्महत्या करने जंगल में चला गया, तभी एक ऋषि ने उसे बचा लिया। जब ऋषि ने उससे आत्महत्या का कारण पूछा, तो उसने बताया कि उसके कोई संतान नहीं है। यह सुनकर ऋषि ने उसे एक फल दिया और पत्नी को ​खिलाने को कहा। जब उसने घर पहुंचकर फल अपनी पत्नी को दिया, त...