धनबाद, सितम्बर 14 -- कतरास, प्रतिनिधि। कतरास रेलवे इंस्टिट्यूट मैदान इस बार भक्ति और संस्कृति का भव्य संगम बनेगा। यहां गुजरात के उदय पैलेस की तर्ज पर बना पंडाल और भीतर फ्रांस के एफिल टॉवर की छटा के बीच झील में अवतरित होती मां दुर्गा की प्रतिमा श्रद्धालुओं के लिए अलौकिक अनुभव का अहसास कराएगी। समिति के सचिव बिल्लू चटर्जी ने बताया कि इस पूजा की नींव आजादी से पूर्व वर्ष 1946 में कतरास स्वास्तिक सिनेमा रोड स्थित मां काली मंदिर के पीछे रेलवे कॉलोनी जाने वाले मार्ग परिसर से रखी गई थी। डॉ अनिल चटर्जी, पुनित चटर्जी, सुकूमार चटर्जी, मल्लिक बाबु आदि ने पूजा शुरू किया था। उस समय बंगाल पाड़ा में एकमात्र पूजा होती थी। इसके बाद यहां पूजा शुरू हुआ, जो रेलवे इंस्टिट्यूट के पास मंडप बनने के साथ पूजा होता रहा। समय के साथ आयोजन का स्वरूप बढ़ता गया और वर्ष 19...