अमरोहा, जून 11 -- अमरोहा। सिनेमा, खेल और साहित्य के साथ कभी कतरन का कमाल भी देश-विदेश में अमरोहा की पहचान होता था जो सुविधाओं के आभाव में अब धीरे-धीरे दम तोड़ता जा रहा है। सरकारी अनदेखी का शिकार बने कारोबारियों की दुर्दशा इस हद तक बिगड़ती जा रही है कि रुई के इन कारखानों में ताले लगते जा रहे हैं। कभी अमरोहा में 400 से अधिक कॉटन वेस्ट इकाइयां होती थीं जो सिमटकर अब करीब 50 के आसपास बची हैं। इतना ही नहीं इस कारोबार से 20 हजार परिवारों का रोजगार सीधे जुड़ा हुआ था जो अब न के बराबर ही बचा है। वर्तमान में बिजली यूनिट की दरों में हुई बढ़ोत्तरी के अलावा महंगाई के साथ बढ़े ट्रांसपोर्ट के भाड़े ने अमरोहा में इस कारोबार की कमर तोड़कर रख दी है। इन कारोबारियों का अपना अलग दर्द है जो लंबे अरसे से राहत के सरकारी मरहम की जरूरत के बीच हरा है। सोचिए जो कपड़े...
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