भागलपुर, अगस्त 8 -- समेली, एक संवाददाता। 9 अगस्त 1942 का वह दिन जब देश में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के नारे गूंज रहे थे। भारत माता के सच्चे सपूत ब्रितानीयों को भारत छोड़ने के लिए आंदोलन तेज किए चिंगारी भड़क कर ज्वालामुखी का रूप ले लिया। आजादी के दीवानों में चकला मौलानगर के 52 वर्षीय नटाय परिहार अपने साथियों के साथ मिलकर देवीपुर के समीप रेल पटरी उखाड़ने में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अपने देश की हिफाजत के लिए छह साथियों के साथ शहीद हो गए I शहीद नटाय का जन्म चकला मौला नगर गांव के निर्धन बनेश्वर तियर के घर 6 फरवरी1890 ईसवी को हुआ था । इसी मनोहारी धरा ने महान विभूतियों में यशस्वी उपन्यासकार अनूप साहित्य रत्न , ब्रितानी सरकार की गोली अपने सीने पर खाने वाले जागेश्वर महाल्दार , मजदूरों के मसीहा चमरू सहनी , मैला आंचल के चरित्र नायक स्वतंत्रता सेन...