गुमला, जुलाई 4 -- चैनपुर, प्रतिनिधि। प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर,जंगल और पहाड़ों से घिरा मालम पंचायत का कच्चापाठ गांव आज भी विकास की मुख्यधारा से अछूता है। लगभग 280 की आबादी वाले इस आदिम जनजाति बहुल गांव में अधिकांश लोग विलुप्तप्राय असुर जनजाति के हैं।ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक आज तक पक्की सड़क नहीं पहुंची है। बरसात के दिनों में रास्ते कीचड़ से भर जाते हैं, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। चार पहिया वाहन तो कभी गांव पहुंच ही नहीं पाए हैं। ग्रामीण बीमार परिजनों को चारपाई पर लादकर सात किमी दूर जामटोली ले जाने को मजबूर हैं। गांववासी गणपत साय कवर और बंधन असुर ने बताया कि पेयजल की स्थिति भी बदतर है। जल मीनार बना तो है,लेकिन वर्षों से खराब पड़ा है। दो पुराने कुओं का पानी भी बरसात में गंदा हो जाता है, जिससे बीमारियां फैलने का खत...
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