गंगापार, मार्च 12 -- वसंत से शुरू होकर पूरे चैत महीने तक कभी गांव-गांव चौपालों में बजते ढोल मजीरे और फगुआ, चौताल, गीतों की गूंज अब पहले जैसी नही सुनाई देती। फिर भी कई गांवों में होलिका और अपने पुरखों की इस परंपरा को युवा पीढ़ी के कुछ लोग संजोने के लिए आगे आ रहे हैं। करछना क्षेत्र के कई गांवों में बच्चों द्वारा इऩ दिनों होलिका लगाने का काम तेजी से चल रहा है। उधऱ कुछ गांव की चौपालों में भी फगुहारों की टोली फागुनी गीत गाने में जुटी है। कपूर का पूरा गांव में पुराने गवैयों का अभाव होने पर कुछ युवा लोक कलाकारों ने अभी भी इस परंपरा को जीवित रखा है। कपूर का पूरा के अविनाश पटेल, इंद्रजीत, इंद्रपाल, अमर सिंह, सूबेदार, विकास जैसे लोगों ने अभी भी इस परंपरा को कायम रखा हैं। गांव में बीते सप्ताहभर से गांव की चौपालों में एकत्रित होकर फगुहार फाग गीत से ग...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.