पीलीभीत, जून 25 -- उन दिनों माहौल अचानक से खराब हुआ था। आयुर्वेदिक कॉलेज बीएएमएस में पढ़ाई करते वक्त डा.वीरेंद्र कुमार ने भी मुखालफत करने का झंड़ा उठाया। शहर के ही दूधिया मंदिर के पास घन्नाई ताल के नजदीक एक छापाखाना (प्रेस) तैयार किया गया। यहां कागज पर सरकार के विरोधी नारे बना कर कागजों पर लगाए जाते थे। इसके बाद रात में इन पर गोंद लगा कर सुखा लिया जाता था। फिर अंधेरे में नाली के पानी से गीला कर इन्हें जगह जगह लगा दिया जाता था। एक दिन रात में सरकार विरोधी नारों वालाा यह पोस्टर कोतवाली गेट पर लगा दिया। इस पर वीरेंद्र के बारे में जानकारी पुलिस को लग गई। तब डोरीलाल फाटक में रहने वाले वीरेंद्र एक दिन नावाल्टी टॉकीज में पिच्चर देखने गए थे। मुखबिरी हो गई और बाहर निकलते ही उन्हें धर लिया गया। इसके बाद कोतवाली ले जाकर वीरेंद्र के साथ इतना अमानवीय ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.