प्रयागराज, मई 21 -- उत्तर प्रदेश अधीनस्थ उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शैक्षिक (प्रशिक्षित स्नातक ग्रेड) सेवा नियमावली, 1983 में किए गए संशोधन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। संशोधित नियमावली में सहायक अध्यापक कंप्यूटर के पद पर नियुक्ति के लिए बीएड की अनिवार्यता को समाप्त कर अधिमान्य योग्यता बना दिया गया है। इसे लेकर प्रवीण सिंह और दो अन्य ने याचिका दाखिल की है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रवीन कुमार गिरि की खंडपीठ ने राज्य सरकार और चयन आयोग से जवाब मांगा है। चूंकि याचिका में कानून की वैधता को चुनौती दी गई है इसलिए कोर्ट ने महाधिवक्ता को भी नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि एनसीटीई विनियमों के तहत बी.एड. एक अनिवार्य योग्यता है। और संशोधित नियमों में सहायक अध्यापक कंप्यूटर के लिए इसे समाप्त करना कानून के विपरीत है। ...