औरैया, दिसम्बर 30 -- भीषण सर्दी के बीच रोजी-रोटी की तलाश में सुबह आठ बजे मंडी पहुंचने वाले दिहाड़ी मजदूरों के लिए हर दिन संघर्ष में बदल गया है। ठंड और मंडी में माल की आवक कम होने के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। हालात यह हैं कि सैकड़ों मजदूर दिनभर मंडी में खड़े रहने के बाद भी शाम को खाली हाथ घर लौटने को मजबूर हैं। इससे उनके घरों में चूल्हा जलाना तक मुश्किल हो गया है। मजदूरों का कहना है कि वे 15 से 20 किलोमीटर दूर से साइकिल चलाकर या पैदल मंडी पहुंचते हैं। कड़ाके की ठंड में उम्मीद यही रहती है कि कुछ घंटों का काम मिल जाए, जिससे परिवार का खर्च चल सके। लेकिन मंडी पहुंचने पर न तो काम मिलता है और न ही बैठकर इंतजार करने की कोई व्यवस्था है। मजदूरों के लिए बना प्रतीक्षालय आढ़तियों के कब्जे में है, जहां बैठने की जगह नहीं बची है। प्रतीक्षालय कूड़...