बगहा, सितम्बर 5 -- अनुसूचित जाति के अधीन आने वाले कंजर समाज के लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। सड़क किनारे जुग्गी -झोपड़ी बनाकर पत्थर के जांता, सिलवट बनाकर बेचने वाले कंजर समाज को 50 वर्षों में सरकार और प्रशासन की तरफ से घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। आज भी नगर में 500 से अधिक ऐसे परिवार हैं जिनके पास छत नहीं हैं। सड़क के किनारे छोटा-मोटा अपना रोजगार कर काफी मुश्किल से दो जून की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं। चेक पोस्ट डोलबाग के किनारे कंजर समाज की महिलाएं स्वरोजगार कर अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं। वहीं बरवत सेना से पथरी घाट जीएमसीएच तक फोर लेन सड़क बनाए जाने से इन्हें बेदखल होने का डर सता रहा है। ऐसे में इनके सामने सबसे बड़ी समस्या आशियाने की है। तिरुपति देवी, विद्या देवी, रीता देवी, कुंती देवी, चा...
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