लाहौर, अक्टूबर 29 -- कंगाल पाकिस्तान भारत की तर्ज पर अपने देश को पूरी तरह बदलना चाहता है। वह पूरे राष्ट्र को डिजिटल रूप देना चाहता है और लेन-देन को भी पूरी तरह डिजिटल बनाना चाहता है। लेकिन सरकार के आधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था के वादों के बावजूद, वित्तीय लेन-देन में नकदी का दबदबा कायम है, जो कल्पना और हकीकत के बीच की खाई को साफ दिखाता है। अभी भी 9.5 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा की नकदी प्रचलन में घूम रही है, जो कैशलेस व्यवस्था की ओर धीमी प्रगति को रेखांकित करती है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इंडस्ट्रियल एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन फ्रंट (पीआईएएफ) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मुद्दसिर मसूद चौधरी ने कहा कि अधिकारी व्यापारियों और उपभोक्ताओं की जमीनी चुनौतियों का सामना करने में नाकाम साबित हुए हैं। उन्होंने बताया कि शहरों और गांवों...