मुजफ्फरपुर, सितम्बर 21 -- मुजफ्फरपुर। जिले में औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसान, आयुर्वेदिक दवाओं के विक्रेता, चिकित्सक और उपयोगकर्ता आयुर्वेद की उपेक्षा से निराश हैं। इनका कहना है कि सबसे सस्ता और स्वदेशी चिकित्सा पद्धति होने के बाद भी न तो औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पहल की जा रही है और न इसे सर्वसुलभ बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा चिकित्सक और औषधालयों की उपलब्धता पर जोर दिया जा रहा है। यही कारण है कि जो लोग पीढ़ियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा अपनाते थे, आज उन्हें महंगी एलोपैथिक चिकित्सा का रुख करना पड़ रहा है। इनकी मांग है कि शहर में प्रधानमंत्री जनऔषधि की तरह आयुर्वेदिक दवा की भी जगह-जगह दुकानें खुलें, अनुदानित दर पर औषधीय पौधे मिलें तो आमजन में आयुर्वेद की उपयोगिता सिद्ध हो सकती है। आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा ह...
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