वाराणसी, दिसम्बर 20 -- वाराणसी। बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना में कार्याशाला के दूसरे दिन कार्याशाला में कुपीपक्व एवं पोट्टली से बनाए जाने वाले भस्मों के बारे में जानकारी दी गई। आयुर्वेद संकाय के पूर्व डीन प्रो. केएन द्विवेदी ने कहा कि मानक का पूरी तरह पालन होने से कई बार औषधिया नुकसान भी पहुंचाती हैं। जिससे पैथी बदनाम होती है। अध्यक्षता कर रहे आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने कहा कि यह कार्यशाला आयुर्वेद की चिकित्सा में प्रायोगिक ज्ञान की कमी दूर करने काफी सहायक है। प्रो. एचएच अवस्थी ने कहा तन और मन को शुद्ध रखने से रोगों से बचा जा सकता है। डॉ. राम कृष्ण विश्वनाथ ने रस सिंदूर, पर्पटी तैयार करने की विधि एवं पोट्टली तैयार करने की विधि का प्रदर्शन किया। इस दौरान वैद्य सुशील कुमार दुबे, डॉ. पवन शर्मा, प्...