वाराणसी, अप्रैल 6 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि संघ की शाखाओं में सभी भारतीयों का स्वागत है। देश में पंथ, जाति, संप्रदाय की पूजा पद्धति अलग-अलग है लेकिन संस्कृति एक है। हालांकि औरंगजेब को आदर्श मानने वालों को छोड़कर सभी स्वीकार हैं। मलदहिया स्थित लाजपत नगर पार्क में प्रभात शाखा में स्वयंसेवकों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही। मोहन भागवत ने कहा कि शाखा में उन सभी के लिए द्वार खुले हैं जो 'भारत माता की जय' बोलें और भगवा ध्वज के प्रति सम्मान प्रकट करें। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता। अखंड भारत व्यावहारिक: मोहन भागवत ने कहा कि जो लोग अखंड भारत को अव्यावहारिक मानते हैं, उनको सिंध प्रांत की दुर्दशा देखनी चाहिए। पिछले दशकों में भ...