रामगढ़, दिसम्बर 27 -- रामगढ़, निज प्रतिनिधि ओशो फ्रेगरेंस में चल रहे ध्यान शिविर के तृतीय दिवस की शुरुआत तथाता भाव से ध्यान के साथ शनिवार को हुई। स्वामी ओशो प्रदीप ने तथाता का गहन अर्थ समझाते हुए कहा कि मनुष्य हर परिस्थिति को अपने नजरिए से देखता है, जो कई बार सही तो कई बार अधूरी होती है। समय आने पर वही परिस्थितियां हमारे जीवन के अनुकूल बन जाती हैं। उन्होंने बताया कि हम अनुकूलताओं को सहज स्वीकार करते हैं, लेकिन प्रतिकूलताएं भी जीवन यात्रा में सहयोगी सिद्ध होती हैं। स्वामी ने उपस्थित साधकों से उनके जीवन के दुखद अनुभव साझा करने को कहा। साधकों ने तथाता भाव के आधार पर अपने प्रश्न रखे, जिनका समाधान स्वामी ने सरल उदाहरणों के माध्यम से किया। इसके बाद डायनेमिक मेडिटेशन कैथार्सिस कराया गया, जिसमें व्यायाम व ऊर्जा जागरण के बाद साधक गहन शांति और समाध...
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