संभल, नवम्बर 18 -- जिलेभर में लगातार हो रहे हादसों के बावजूद जिम्मेदार विभागों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। शहर की सड़कों पर ओवरलोड टैंपो और ई-रिक्शे बेखौफ दौड़ रहे हैं, मानो मानकों और नियमों का कोई अस्तित्व ही न हो। हालत यह है कि इन वाहनों में स्कूली बच्चों की जान तक जोखिम में डालकर ढोई जा रही है। इतना ही नहीं, ई-रिक्शों और टैंपों में लोहे की सरिया, लंबी पाइपें, लकड़ी की बल्लियां और अन्य सामान खतरनाक तरीके से लादा जा रहा है। कई फुट आगे-पीछे निकला यह सामान न सिर्फ नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि सड़क पर किसी भी क्षण बड़ा हादसा होने की आशंका को बढ़ा देता है। यातायात माह के नाम पर चल रही जागरूकता भी सिर्फ कागजों में सिमटी नजर आ रही है, क्योंकि जमीनी स्तर पर हालात जस के तस बने हुए हैं। रविवार को चन्दौसी में टैंपो से गिरकर डेढ़ साल के म...