बरेली, मई 31 -- तंबाकू सेवन ओरल कैंसर की सबसे बड़ी वजह है। जिले में ओरल कैंसर के करीब 75 फीसदी मरीज तंबाकू सेवन के आदी रह चुके हैं। साथ ही महिलाओं, खासकर गर्भवतियों के तंबाकू सेवन से गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की आशंका भी बढ़ती है। तंबाकू के बढ़ते खतरे के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के ओंकोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ.पियूष कुमार के अनुसार करीब 70 फीसदी मरीज तंबाकू के सेवन या धूम्रपान से कैंसरग्रस्त होते हैं। तंबाकू सेवन का नतीजा मुंह और फेफड़ों के कैंसर के रूप में दिखता है। कैंसर के शिकार 20 फीसदी मरीज पैसिव होते हैं। जिन्होंने कभी तंबाकू का सेवन या धूम्रपान नहीं किया, लेकिन सिगरेट पीने वालों के संपर्क में आकर ये धुएं का शिकार ...