रांची, नवम्बर 7 -- ओरमांझी, प्रतिनिधि। प्रखंड का पारंपरिक बंडा मेला उत्साह और रंगत के साथ संपन्न हो गया। यह मेला हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दो दिन बाद लगाया जाता है। मेले में ओरमांझी, अनगड़ा, कांके, रामगढ़ सहित आसपास के गांव के हजारों लोग शामिल हुए। मेले का मुख्य आकर्षण बच्चों के लिए झूला और गन्ने तथा मिठाई की दर्जनों दुकानें थीं। बुजुर्गों का मानना है कि खेतीबारी के काम से निपटने के बाद लोग मनोरंजन और शादी-विवाह की चर्चा करने के लिए मेले में इकट्ठा होते थे। मेला शुरू करने से पहले, पाहन राजा कलेश्वर मुंडा ने जतरा खूंटा पर पारंपरिक रीति-रिवाजों से पूजा की। उन्होंने रंगुआ मुर्गा की बलि दी और हड़िया चढ़ाकर गांव के देवता की पूजा की। इसके बाद ही मेला लगाने का आदेश दिया गया। गांव के लोग अपनी नृत्य मंडलियों के साथ पहुंचे थे जिन्हें आयोजन समिति ने ...