संतकबीरनगर, अप्रैल 22 -- संतकबीरनगर, निज संवाददाता। एक जिला एक उत्पाद योजना में बखिरा का पाम्परिक बर्तन उद्योग शामिल होने के बाद भी बखिरा के पीतल के बर्तनों की चमक फीकी की फीकी ही है। तीन साल पहले बनी कॉमन फैसिलिटी सेंटर की योजना भी अब तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। 10.57 करोड़ रुपये से बनने वाले कॉमन फैसिलिटी सेंटर के लिए केंद्र को 70 और राज्य सरकार को 20 फीसदी योगदान करना है। 10 फीसदी संबंधित संस्था का अंशदान होगा। यह 10 फीसदी अंशदान जमा होने के बाद ही केंद्र और राज्य सरकारें अपने हिस्से की रकम जारी करेंगी। लेकिन अभी तक इसे अमली जामा पहनाया नहीं जा सका है। ऐसे में दम तोड़ रहे बर्तन उद्योग से जुड़े अधिकतर कारीगर अब दमन, दिल्ली, मुंबई, नेपाल में मजदूरी करने के लिए विवश हैं। बखिरा कस्बे में 150 साल पहले फूल, पीतल और गिलट के बर्तनों के कई उद्...