लखनऊ, अगस्त 31 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ओडिशा में निजीकरण का हाल देखकर यूपी में प्रस्तावित निजीकरण रद्द करने की मांग की है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ओडिशा के विद्युत नियामक आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए टाटा पावर की चारों विद्युत वितरण कंपनियों का लाइसेंस निरस्त करने के लिए 10 अक्तूबर को सुनवाई की तारीख तय की है। ओड़िशा के सभी उपभोक्ता फोरमों की तरफ से किशोर पटनायक ने 16 अगस्त को टाटा पावर की चारों कंपनियों के विरुद्ध उपभोक्ता सेवा में पूरी तरह अक्षम रहने और उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए लाइसेंस निरस्त करने की मांग की थी। संघर्ष समिति ने कहा कि जिस राज्य को देखकर यूपी में निजीकरण लागू किया जा रहा है, उसकी स्थिति देखते हुए यूपी को उस दिशा में चलने से बचना चाहिए...