नई दिल्ली, मई 19 -- प्रभात कुमार नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में उच्च न्यायालयों के जज के लिए वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) के सिद्धांतों को लागू करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालयों से सेवानिवृत्त होने वाले सभी जज को एक समान पेंशन मिलनी चाहिए, भले ही उनकी नियुक्ति स्रोत वकील कोटे से हो या जिला अदालत से पदोन्नति के जरिए और तारीख कुछ भी हो। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि संवैधानिक पद के संबंध में वन रैंक, वन पेंशन आदर्श होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने 63 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि पेंशन लाभों में इस आधार पर वर्गीकरण करना कि जज बार या जिला न्यायपालिका से हाईकोर्ट में आए हैं या वे स्थायी या अतिरिक्त जज हैं, न सिर्फ भ...