विधि संवाददाता, जून 27 -- पटना हाई कोर्ट ने राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों को आर्केस्ट्रा में काम करने के नाम पर की जा रही ट्रैफिकिंग और उनके साथ हो रहे यौन शोषण और उत्पीड़न के मामले को काफी गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने इस पर पूरी तरह पूर्ण विराम लगाने के लिए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ में जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। नाबालिग लड़कियों का आर्केस्ट्रा में काम करने के नाम पर हो रही ट्रैफिकिंग और यौन शोषण की रोकथाम के लिए जल्द से जल्द एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की मांग कोर्ट से की गई है ताकि इस मामले पर रोक लग सके और नाबालिक लड़कियों का जीवन बर्बाद होने से बच ...