नई दिल्ली, अप्रैल 5 -- ऑफिस में काम करते-करते क्या आपकी कुर्सी भी खिसककर पीछे बैठी अपनी दोस्त की तरफ पहुंच ही जाती है? या फिर ऑफिस के काम से दोस्त के पास जाने के बाद अपनी ही बातें छिड़ जाती हैं और समय का पता ही न चलता है? इन दोनों ही सवालों के जवाब अगर हां है तो ऐसे में लाजिमी है कि उस दिन का आपका और आपकी दोस्त दोनों का काम पूरा नहीं होगा और अगले दिन तक टल जाएगा। धीरे-धीरे यह एक सिलसिला बन जाता है। एक कंपनी में ऑपरेशन हेड की भूमिका निभा रही वंशिका खंडेलिया कहती हैं कि ऑफिस में कौन क्या कर रहा है, इस पर सभी सीनियर्स की नजर होती है और बात यहां-वहां से पता चल ही जाती है। दिन के अंत में हर किसी को काम से मतलब है और उसमें ढिलाई कोई बर्दाश्त नहीं करता। अगर आप लगातार अपनी डेडलाइन का पालन नहीं करेंगी तो धीरे-धीरे आपको जरूरी जिम्मेदारियां देनी बंद ...
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