लखनऊ, जून 30 -- श्री जय नारायण मिश्र पीजी कॉलेज में निशंक सांस्कृतिक क्लब की ओर से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम के सम्मान में शौर्यांजलि नामक कवि सम्मेलन का आयोजन किया। नवीन सभागार में आयोजित सम्मेलन में शहर के नामचीन कवियों ने अपनी ओजस्वी कविताओं के जरिए मन मोह लिया। इस दौरान पं. धीरज मिश्र 'शाण्डिल्य ने चातक की पिऊ-पिऊ, मेंढक की टर्र टर्र, कोयल की कूक ने जो कविता सुनायी है, कारुणिक दु:खदायी, पीर उसमें भरी है, सूर्य ताप से धरा अतीव अकुलायी है... जैसी पंक्तियां पढ़ी। इसके बाद अमर नाथ ललित ने अहमियत गरमियों की कम न होवे, बहारों में ये जाड़ा इसलिए है, हमारी याद से पीछा न छूटे, तुम्हें हमने बिगाड़ा इसलिए है... गाकर सुनाया। इसी तरह सोमनाथ कश्यप ने सत्य सिद्धांत पर जब अटल हो गये, कुछ स्वजन तब विरोधी प्रबल हो गये, नम...