नई दिल्ली, अगस्त 8 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 'ऑटिज्म' जैसी स्थितियों वाले लोगों से संबंधित याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा। याचिका में 'ऑटिज्म' जैसी तंत्रिका तंत्र संबंधी स्थितियों वाले व्यक्तियों के कल्याण के प्रति संस्थागत उदासीनता का आरोप लगाया गया है। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की। याचिका ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी आदि और बहु दिव्यांगताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के कल्याण से संबंधित है। याचिका में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भी प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है, क्योंकि बजट आवंटन और उसके कार्यान्वयन के लिए मंत्रालय ही जिम्मेदार है। पीठ ने कहा कि हम पहले पांच प्रतिवादियों (केंद्र और अन्य) को नोटिस जारी करेंगे। हम राज्यों को फिलहाल अलग रखेंगे।...