नई दिल्ली, मई 30 -- एक मल्टीनेश्नल कंपनी में काम करने वाली 26 वर्षीय नेहा पिछले पांच महीनों से अवसाद का इलाज करवा रही हैं। अपनी बिगड़ चुकी मानसिक सेहत का जिम्मेदार वो अपने दफ्तर के विषाक्त माहौल को मानती हैं, जहां हर समय बस राजनीति होती रहती है। अभी हाल ही में एक और खबर सुर्खियों में आई थी कि कैसे एक युवा इंजीनियर ने अपने काम के दबाव की वजह से आत्महत्या कर ली। इस प्रकार की खबरें यह सवाल उठाती हैं कि कार्यस्थल का मौहल किसी कर्मचारी की मानसिक सेहत को इतना खराब कैसे कर सकता है और इतने विषाक्त माहौल से कैसे बचा जा सकता है? कनाडा स्थित कार्लटन यूनिवर्सिटी के एक शोध में पाया गया कि कार्यस्थल का विषाक्त माहौल महिलाओं के अपने बच्चों के लालन-पालन के तरीकों के साथ-साथ उनकी मानसिक सेहत पर बहुत नकारात्मक प्रभाव डालता है। काम का कुछ दबाव होना एक सामान...